जानिए हृदय रोग की सरल व अनुभूत घरेलू चिकित्सा

आम जनजीवन में हृदय रोग तेजी से फैलता जा रहा है। हर उम्र के लोग इसके शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अगर घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया जाए तो हृदय रोग के होने से बचाव किया जा सकता है। तो आइए जानें सरल और सुलभ घरेलू चिकित्सा जिसके जरिए हृदय रोगों से बचाव संभव है।

1 कटोरी लौकी के रस में पुदीने व तुलसी के 7-8 पत्तों का रस, 2-4 काली मिर्च का चूर्ण व 1 चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पियें। इससे हृदय को बल मिलता है और पेट की गड़बडियां भी दूर हो जाती हैं।

नींबू का रस, लहसुन का रस, अदरक का रस व सेवफल का सिरका समभाग मिलाकर धीमी आंच पर उबालें। एक चौथाई शेष रहने पर नीचे उतारकर ठंडा कर लें। तीन गुना शहद मिलाकर कांच की शीशी में भरकर रखें। प्रतिदिन सुबह खाली पेट 2 चम्मच लें। इससे Blockage खुलने में मदद मिलेगी।

अगर सेवफल का सिरका न मिले तो पान का रस, लहसुन का रस, अदरक का रस व शहद प्रत्येक 1-1 चम्मच मिलाकर लें। इससे भी रक्तवाहिनियां साफ़ हो जाती हैं। लहसुन गरम पड़ता हो तो रात को खट्टी छाछ में भिगोकर रखें।

उड़द का आटा, मक्खन, अरंडी का तेल व शुद्ध गूगल समभाग मिलाके रगड़कर मिश्रण बना लें। सुबह स्नान के बाद ह्रदय स्थान पर इसका लेप करें। 2 घंटे बाद गरम पानी से धो दें। इससे रक्तवाहिनियों में रक्त का संचारण सुचारू रूप से होने लगता है।

1 ग्राम दालचीनी चूर्ण एक कटोरी दूध में उबालकर पियें। दालचीनी गरम पड़ती हो तो १ ग्राम यष्टिमधु चूर्ण मिला दें। इससे कोलेस्ट्रोल के अतिरिक्त मात्रा घट जाती है।

भोजन में लहसुन, किशमिश, पुदीना व हरा धनिया की चटनी लें। आवलें का चूर्ण, रस, चटनी, मुरब्बा आदि किसी भी रूप में नियमित सेवन करें।

औषधि कल्पों में स्वर्ण मालती , जवाहरमोहरा पिष्टि, साबरशृंग भस्म, अर्जुन छाल का चूर्ण, दशमूल क्वाथ आदि हृदय रोगों का निर्मूलन करने में सक्षम है।

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